हिंदी विभाग श्री गुरु राम राय पी जी कॉलेज, देहरादून
उददेश्य कथन
हिंदी साहित्य , हिंदी भाषा तथा हिंदी व्याकरण का अध्ययन इस विभाग की मुख्य गतिविधियां हैं। विभाग में ज्ञान के विभिन्न अनुशासनों और कलाओं के साथ साहित्य के घनिष्ठ संबंध को दृष्टिगत रखते हुए अध्ययन पर विशेष बल दिया जाता है। युवा पीढ़ी को साहित्यिक रूप से संस्कारित करने हेतु विभाग सतत कार्यरत है। हिंदी विभाग समग्रता में हिंदी भाषा और साहित्य के अध्ययन -अध्यापन के लिए प्रतिबद्ध है।
संचालित पाठ्यक्रम
१. बी.ए. -हिंदी साहित्य
२. बी. ए. - हिंदी भाषा
३. बी. ए. /बी.एससी. - हिंदी सम्प्रेषण
परिचय
सन १९६५ में द्रोण नगरी एवं श्री गुरु राम राय की कर्मभूमि देहरादून में स्थित श्री गुरु राम राय पी जी कॉलेज देहरादून में हिंदी विभाग में बी ए पाठ्यक्रम का संचालन शुरू हुआ। हिंदी विभाग के प्रथम अध्यक्ष के रूप में डॉ चंद्रकांता जोशी की नियुक्ति हुई। तदन्तर डॉ ए.के.बहुगुणा ने विभाग को लम्बी सेवायें प्रदान की । २००५ से २०१५ तक विभाग में स्ववित्त पोषित पाठ्यक्रम के अंतर्गत स्नात्तकोत्तर पाठ्यक्रम संचालित किया गया । वर्तमान में डॉ सुमंगल सिंह सहायक प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष के रूप में कार्यरत है तथा राष्ट्रभाषा के उन्नयन एवं हिंदी साहित्य और विकास हेतु विभाग अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए सतत कार्यरत है। .
वर्त्तमान में स्नातक कक्षाओं में हिंदी विषय में ८० प्रवेश स्थान है तथा स्नातक (कला संकाय )के सभी छात्र छात्राओं के लिए हिंदी भाषा का अध्ययन अनिवार्य है। तथा स्नातक स्तर पर विज्ञान एवं कला संकाय के विद्यार्थियों के लिए हिंदी सम्प्रेषण का अध्ययन वैकल्पिक विषय के रूप में है।
विभाग समय समय पर हिंदी भाषा साहित्य के विशेषज्ञ वक्ताओं आमंत्रित करता रहा है। साथ ही महाविद्यालय से बाहर होने वाली साहित्यिक गतिविधियों विभाग के प्राध्यापक एवं छात्र छात्राएं प्रतिभाग करते है। विशेषकर उत्तराखंड हिंदी अकादमी एवं उत्तराखंड भाषा संस्थान में विभाग की प्रतिभागिता रहती है।
राष्ट्रभाषा के उन्नयन एवं हिंदी साहित्य और भाषा के विकास हेतु विभाग अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए सतत प्रयत्त्न शील है। विभाग की वर्ष भर संचालित होने वाली शैक्षणिक एवं सहशैक्षणिक गतिविधियों में सक्रिय सहभागिता बनी रहती है। विभाग प्रतिवर्ष हिंदी दिवस , अंतर्राष्ट्रीय हिंदी दिवस ,मातृभाषा दिवस के अवसरों पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन करता है।
उपलब्धियां
१. हिंदी और इतिहास विभाग ने संयुक्त रूप से महाविद्यालय में महिला सशक्तिकरण विषय पर एक भव्य सेमिनार का आयोजन किया।
२. २०१० -२०१२ बैच के एम. ए. हिंदी के छात्र रायबीर सिंह ने यू.जी.सी नेट( जून २०१२ ) की अहर्ता प्राप्त की।
३. वर्ष २०१३ में बी. ए. हिंदी की छात्रा सरिता सिंह ने विश्वविद्यालय मेरिट में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
४. वर्ष २०१६ में २००९ -२०११ बैच के एम. ए. हिंदी के छात्र रायबीर सिंह का उत्तराखण्ड लोक सेवा द्वारा आयोजित एल.टी. पद पर चयन हुआ।
५. दिसंबर २०१८ में एम. ए. हिंदी (बैच २०१३-१५) की छात्रा प्रीती कंडारी ने यू.जी.सी नेट की अहर्ता प्राप्त की।
६. वर्ष २०१९ में (बैच २०१३-१५) की छात्रा प्रीती कंडारी उत्तराखण्ड लोक सेवा द्वारा आयोजित एल.टी. पद पर चयन हुआ।
७. जुलाई २०१९ में एम. ए. हिंदी( बैच २०१२ -१४ )की छात्रा अंजलि रतूड़ी का कुमाऊँ विश्वविद्यालय पी. एच.डी. पाठ्यक्रम में चयन हुआ।
८. हिंदी और इतिहास विभाग ने संयुक्त रूप से अगस्त २०२० में 'कोरोना काल में भारतीय संस्कृति की प्रासंगिकता ' विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया।
भावी योजनायें
शोध परियोजनाओं के लिए यू जी सी एवं अन्य अनुदान संस्थाओं में कार्ययोजना प्रस्तुत कर ना।
हिंदी भाषा के उत्थान के लिए विभिन्न राष्ट्रीय संगोष्ठियों का आयोजन।
विभागीय पुस्तकालय को और अधिक समृद्ध करना। कमजोर विद्यार्थियों के लिए अतिरिक्त कक्षाओं का संचालन करना।
क्षेत्रीय भाषाओं [गढ़वाली ,कुमाऊंनी ,जौनसारी ] के लिए कार्य करना।
छात्र संवाद तथा गोष्ठियों का आयोजन करना।
लोक साहित्य का संकलन एवं प्रकाशन करना।
ख्यातिउपलब्ध साहित्यकारों तथा विद्वानों के विशेष व्याख्यान।